गुरुवार, जनवरी 14, 2021

(गज़ल) कतरे को भी दरिया बोला जाता है...


इश्क में मुझको क्या क्या बोला जाता है
बेबी बाबू सोना बोला जाता है

लाख सितारों में भी चमक उसी की है
तभी चांद को तन्हा बोला जाता है

बगैर तेरे अब तो जीना मुश्किल है
प्यार में अक्सर ऐसा बोला जाता है

इश्क जिंदगी में चाहे कितने भी कर
लेकिन सबको पहला बोला जाता है

सहराओं में प्यास बुझाने की खातिर
कतरे को भी दरिया बोला जाता है

इश्क में तब हैरानी होती है मुझको
जब बूढों को बच्चा बोला जाता है।।
                                                 (अतुल कन्नौजवी)

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर प्रस्तुति।
    मकर संक्रान्ति का हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. आपको भी अनंत शुभकामनाएं आदरणीय सर, सादर प्रणाम 🙏

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