जिसकी हर अदा निराली हो, जो डर—डर के इज़हार करे
नाजुक हथेलियों पर उसका ही नाम दिखाई देता है
हर इक राधा की आंखों में घनश्याम दिखाई देता है...
जब नज़र नज़र से मिलती है धड़कन में इजाफ़ा होता है
चढ़ता है रंग इश्क का जब, यौवन में इजाफ़ा होता है
यूं बुरी नज़र न लगे तभी, चेहरे पर तिल आ जाता है
वो बहुत खूबसूरत लगता है, जिस पर दिल आ जाता है
फिर उसका चेहरा ख्वाब में सुब्हो—शाम दिखाई देता है...
हर इक राधा की आंखों में घनश्याम दिखाई देता है...
जब ख्वाबों में हो आसमान, तब कहती है दिल की जमीन
वो दिलनशीन, सबसे हसीन, बस वो ही इक जलवानशीन
बिखरी—बिखरी ज़ुल्फ़ों को जब किस्मत की तरह संवारूं तो
जब आईना बनकर उसका अपलक रंग रूप निहारूं तो
जादू जैसी आंखों से छलकता जाम दिखाई देता है...
हर इक राधा की आंखों में घनश्याम दिखाई देता है...।।
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏
हटाएंआदरणीय सर, हार्दिक आभार, आपका आशीष हमें संबल देता है । सादर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय अनुराधा जी 🙏
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका आदरणीय ज्योति जी 🙏
हटाएंवाह.... शानदार
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय वर्षा जी 🙏
हटाएंबहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका आदरणीय सर 🙏
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