कभी धड़कन, कभी मासूम चाहत की तरह हूं मैं,
मुझे दिल में जरा रख लो मोहब्बत की तरह हूं मैं।
मुझे दिल में जरा रख लो मोहब्बत की तरह हूं मैं।
मेरा घर आएगा तो घर भी जाऊंगा अभी लेकिन,
हवा के डाकिए के हाथ में खत की तरह हूं मैं।
वो मेरे वास्ते दीवार बनते हैं तो बनने दो,
कि पहले से ही हर दीवार पर छत की तरह हूं मैं।
‘अतुल’ अब क्या मिटा पाएगी मेरा नाम ये दुनिया,
जमाने भर में जब बदनाम शोहरत की तरह हूं मैं।
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जिसने मेरा निकाह कराया परी के साथ,
वीवी हुई फरार उसी मौलवी के साथ।
मैंने दिया जवाब हुआ मौलवी भी चित,
तू मेरी वी के साथ, मैं तेरी वी के साथ।।
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वीवी हुई फरार उसी मौलवी के साथ।
मैंने दिया जवाब हुआ मौलवी भी चित,
तू मेरी वी के साथ, मैं तेरी वी के साथ।।
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मोहब्बत में बुरी नीयत से कुछ देखा नहीं जाता,
कहा जाता है उसे बेवफा समझा नहीं जाता।।
कहा जाता है उसे बेवफा समझा नहीं जाता।।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंbahut achchhi wanaye andaz me prastuti achchhi lagi
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