शायर अतुल कन्नौजवी
कविता-शायरी का एक ठिकाना
गुरुवार, सितंबर 08, 2011
मोहब्बत से रिटायर हूँ
मैं ग़ालिब के ज़माने का अदद सा एक शायर हूँ.
प्रेम के गीत लिखता हूँ मोहब्बत से रिटायर हूँ.. - अतुल कुशवाह
1 टिप्पणी:
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
8 सितंबर 2011 को 9:51 am बजे
उस जमाने का शायर कभी रिटायर नहीं होता वह भी मुहब्बत से
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उस जमाने का शायर कभी रिटायर नहीं होता वह भी मुहब्बत से
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