कविता-शायरी का एक ठिकाना
बिल्कुल सही कहा तुमने दोस्त डर तो अंधेरों से ही लगता है न ? जब वही कोई साथ न दे तो फिर केसा साथ !खुबसूरत अंदाज़ !
शब्द पुष्टिकरण हटा दें तो टिप्पणी करने में आसानी होगी ..धन्यवाद वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया
मार्गदर्शन के लिए आभार
"मैंने अपनी परछाइयों केपैर पकड़ कर साफ़ कह दिया"बहुत खूब
बिल्कुल सही कहा तुमने दोस्त डर तो अंधेरों से ही लगता है न ? जब वही कोई साथ न दे तो फिर केसा साथ !
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शब्द पुष्टिकरण हटा दें तो टिप्पणी करने में आसानी होगी ..धन्यवाद
जवाब देंहटाएंवर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया
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जवाब देंहटाएंपैर पकड़ कर साफ़ कह दिया"
बहुत खूब