जब वो मेरे करीब से हंसकर गुजर गए,
कुछ खास दोस्तों के भी चेहरे उतर गए.
वो हंस दिए तो रात संवारती चली गयी,
जुल्फें बिखेर दीं तो उजाले निखर गए.
अफ़सोस डूबने की तमन्ना ही रह गई,
तूफ़ान जिंदगी में आये गुजर गए.
कोई हमें बताये हम क्या जवाब दें,
मंजिल ये पूछती है की साथी किधर गए.
हालाँकि उनको देख के पलटी ही थी नजर,
अफ़सोस ये हुआ कि ज़माने गुजर गए.
अफ़सोस डूबने की तमन्ना ही रह गई,
जवाब देंहटाएंतूफ़ान जिंदगी में आये गुजर गए.
कोई हमें बताये हम क्या जवाब दें,
मंजिल ये पूछती है की साथी किधर गए.
बेहद शानदार लाजवाब गज़ल ।
एक-एक शे’र लाजवाब।
थैंक यू शरद जी ...आपके कमेन्ट ने मुझे प्रफुल्लित कर दिया...
जवाब देंहटाएंअफ़सोस डूबने की तमन्ना ही रह गई,
जवाब देंहटाएंतूफ़ान जिंदगी में आये गुजर गए.
वाह...क्या अभिव्यक्ति है ....जीवन को अभिव्यक्ति करने का नया अंदाज पसंद आया ...आपकी रचनात्मकता बेहद प्रभावी है आशा है अब आपकी रचनाएँ निरंतर पढने को मिलेंगी ...हार्दिक शुभकामनायें
प्यारे भाई, आपकी प्रतिक्रिया पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा... अतुल
जवाब देंहटाएं