मंगलवार, जुलाई 19, 2011

''गाँधी'' तुम ग़लतफ़हमी में हो!

- अतुल कुशवाह 
''गांधी'' तुम्हारा अहिंसा का पाठ
कृष्ण अगर मानते-तो
महाभारत ही न हो पाती
और धर्म पर अधर्म की
विजय हो जाती
''गांधी'' तुम्हारी अहिंसा की बात पर
राम-अगर चलते-तो
युद्ध रोककर
सीता-रावण को ही सौंपकर
तसल्ली कर लेते....
''गांधी'' तुम्हारी गलतफहमी है- कि
तुम्हारा अहिंसा का पाठ
दुनिया में पढा जा रहा है
गांधी सच तो ये है कि 
तुम्हारा अहिंसा का प्रचार
सिर्फ वे लोग कर रहे हैं
जिन्हें खौफ है कि
भूखी-खूंख्वार भीड
बदले की गरज से
अपने हक के लिये कहीं एक दिन
उनकी देह पर आक्रमण न कर दे...

6 टिप्‍पणियां:

  1. तुम्हारा अहिंसा का प्रचार
    सिर्फ वे लोग कर रहे हैं
    जिन्हें खौफ है कि
    भूखी-खूंख्वार भीड
    बदले की गरज से
    अपने हक के लिये कहीं एक दिन
    उनकी देह पर आक्रमण न कर दे...

    गहन चिंतन को दर्शाती अच्छी प्रस्तुति

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  2. गहन चिंतन लिये सार्थक विचारणीय अभिव्यक्ति..आभार..

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  3. सरक-सरक के निसरती, निसर निसोत निवात |
    चर्चा-मंच पे आ जमी, पिछली बीती रात ||

    http://charchamanch.blogspot.com/

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