मंगलवार, नवंबर 08, 2011

किसी से दूर हैं हम भी...

- अतुल कुशवाह
उस खामोश बस्ती में कई तूफान रहते हैं,
मुरादें लाख पूरी हों, मगर अरमान रहते हैं.
फरिश्तों को बता दो अब गुरूरे-हुस्न मत करना,
इंसानों के वश में आजकल भगवान रहते हैं।।

जमाने में मोहब्बत के नशे में चूर हैं हम भी,
नाम बदनाम हो कितना मगर मशहूर हैं हम भी.
जमीं की याद में आंसू बहाते आसमां सुन लो,
जमीं से दूर गर तुम हो, किसी से दूर हैं हम भी।।

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