शुक्रवार, जून 10, 2011

मेरे पीछे मत आओ..

आज भरी दोपहर
बीच चौराहे पर 
मैंने अपनी परछाइयों के
पैर पकड़कर
साफ़ कह दिया
कि मेरे पीछे-पीछे मत आओ
साथ ही चलना है
तो अंधेरों तक चलो
वर्ना बेहतर है कि
ये सफ़र मुझे 
अकेले ही पूरा करने दो....- अतुल 

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