शायर अतुल कन्नौजवी
कविता-शायरी का एक ठिकाना
शुक्रवार, जून 10, 2011
मेरे पीछे मत आओ..
आज भरी दोपहर
बीच चौराहे पर
मैंने अपनी परछाइयों के
पैर पकड़कर
साफ़ कह दिया
कि मेरे पीछे-पीछे मत आओ
साथ ही चलना है
तो अंधेरों तक चलो
वर्ना बेहतर है कि
ये सफ़र मुझे
अकेले ही पूरा करने दो....- अतुल
1 टिप्पणी:
Patali-The-Village
11 जून 2011 को 4:22 am बजे
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| धन्यवाद|
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