शायर अतुल कन्नौजवी
कविता-शायरी का एक ठिकाना
(यहां ले जाएं ...)
Contact us
Privacy Policy
About
Disclaimer
मुखपृष्ठ
▼
गुरुवार, सितंबर 08, 2011
मोहब्बत से रिटायर हूँ
मैं ग़ालिब के ज़माने का अदद सा एक शायर हूँ.
प्रेम के गीत लिखता हूँ मोहब्बत से रिटायर हूँ.. - अतुल कुशवाह
1 टिप्पणी:
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
8 सितंबर 2011 को 9:51 am बजे
उस जमाने का शायर कभी रिटायर नहीं होता वह भी मुहब्बत से
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
उस जमाने का शायर कभी रिटायर नहीं होता वह भी मुहब्बत से
जवाब देंहटाएं